5 साल पहले संसद से हुआ था पारित CAA
केंद्रीय गृह मंत्रालय सोमवार शाम तक नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित कर सकता है।
सीएए नियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से भारत में अल्पसंख्यकों की भारतीय नागरिकता आवेदनों को सुनिश्चित करेंगे.
सीएए नियम के मुताबिक 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.
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What is CAA Law :
CAA (संशोधित नागरिकता कानून) भारतीय नागरिकता को विस्तारित करने और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को नागरिकता का अधिकार प्रदान करने के लिए बनाया गया है। यहाँ इस कानून के मुख्य प्रावधान हैं:
- नागरिकता का विस्तार: CAA के तहत, 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में अनधिकृत अल्पसंख्यक समुदायों के विशेष आधारों पर नागरिकता प्रदान की जाएगी।
- अल्पसंख्यकों का परिभाषा: इस कानून में अल्पसंख्यक समुदाय का परिभाषण धार्मिक, जैविक, लिंग, या किसी अन्य आधार पर दिया गया है।
- धर्मिक अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा: इस कानून के अनुसार, हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता के लिए अर्जित किया जा सकता है।
- तीन विशेष देशों से आए शरणार्थियों की नागरिकता: CAA के अंतर्गत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान से भारत आने वाले अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जा सकती है।
- अनाधिकृत प्रवासियों के मामले: इस कानून के अंतर्गत, 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में अनधिकृत अल्पसंख्यक समुदायों को नागरिकता प्रदान नहीं की जाएगी।
- विशेष प्रावधान: CAA के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए निर्धारित समय सीमा होती है।
- कानूनी उपाय: CAA को 2019 में भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया था।
इस प्रकार, CAA भारतीय नागरिकता के विस्तार को लेकर एक महत्वपूर्ण कानून है जो धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को समाज में शामिल करने के उद्देश्य के साथ भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखने का प्रयास करता है।